By Suyash Suprabh I know many translators who have excellent translation skills but are still struggling to succeed. Why? The answer is very simple. They forget that it takes much more than language skills to be a successful translator. Unfortunately,
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Please feel free to explore all relevant aspects of translation and Indian languages here. Besides other things, you can also consider this as a platform to highlight language and translation issues that have not been sufficiently addressed. You can write in the language of your choice.
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अनुवाद के अनुभव
अपने प्रारंभिक अनुवाद मैंने राज्य संदर्भ केंद्र, जयपुर (प्रौढ़ शिक्षा) के लिए किए थे, केंद्र से छपने वाली पत्रिका ‘अनौपचारिका’ के लिए। इसके पहले कुछ अनुवादों से मेरा परिचय एक पाठक के रूप में ही हुआ था। याद आता है
करियर के रूप में अनुवाद को क्यों चुनें?
सदियों से अनुवाद ज्ञान के आदान-प्रदान का माध्यम रहा है। मानव सभ्यता के विकास में अनुवाद का विशेष महत्व रहा है। आज वैश्वीकरण के इस दौर में अनुवाद का महत्व और उसकी आवश्यकता कई गुणा बढ़ गई है। दुनिया भर
भाषा को एक ऐसा दरिया होने की ज़रूरत है जो दूसरी ज़बानों को भी ख़ुद में समेट सके
भले ही ग़लत उच्चारणों के साथ, मगर क्या इन शब्दों के बिना हमारी जवानी पूरी हो सकती है? कॉलेज के दिनों में “बेवफ़ाई” का रोना, घर बनवाने में “मज़दूरों” की “मेहनत”, “मजबूरी” में मैगी खाना, जॉब के चक्कर में “जुदाई”
अनुवाद – अर्थ और अनर्थ के बीच
अनर्थ हो गया है अर्थ की अभ्यर्थना में, मनुष्य खो गया है मनुष्य की जल्पना में। केदारनाथ अग्रवाल की इन पंक्तियों की सच्चाई बतौर अनुवादक भले ही सभी आसानी से समझें या न समझें, लेकिन समस्या का शुभारंभ तो तभी
अनुवादक बनाम योग्यता
इस तथ्य से सभी बखूबी परिचित हैं कि भारत में अनुवाद क्षेत्र अत्यंत पिछड़ा हुआ है। इसके अनेक कारण हैं। देश की सरकारों का अनुवाद के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैया भी एक बड़ा कारण है। हम यह भी जानते हैं कि